उगादी परम पूज्यनीय डॉ. जी का अमृतवचन : हिंदुओं को यह तीव्र आभास कराना होगा की वे एक संसक्तिशील समाज हैं। एक राष्ट्र की अवधारणा उनके ह्रदय में उत्कीर्ण करनी होगी । उन्हें एक दूसरे से स्नेह रखना होगा और अपने राष्ट्र को चरम उत्कर्ष पर ले जाने का लक्ष्य सबको रखना होगा । यही एकमात्र सकारात्मक और चिरस्थाई रास्ता है जो राष्ट्र को पुनरुत्कर्ष की और ले जाता है और यही संघ कार्य है ।
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